Kerala Impact: इलाज के दौरान 12 साल की बच्ची ने तोड़ा दम, ब्लास्ट में अब तक तीन लोगों ने गंवाई जान हैं ।
रविवार को हुए विस्फोट में एर्नाकुलम जिले के मलयट्टूर की रहने वाली लिबिना नामक 12 वर्षीय बच्छी भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सोमवार को कलामासेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।
केरल के एर्नाकुलम में रविवार सुबह हुए ब्लास्ट में एक और मौत हो गई है। विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुई 12 साल की एक बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब ब्लास्ट में मरने वालों की कुल संख्या तीन हो गई है।
12 साल बच्ची ने तोड़ा दम
Kerala Impact: इलाज के दौरान 12 साल की बच्ची मलयट्टूर की रहने वाली लिबिना नामक 12 वर्षीय बच्ची भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सोमवार को कलामासेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि लड़की को रविवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब उसे भर्ती कराया गया था तब उसके शरीर का 95 प्रतिशत हिस्सा गंभीर रूप से जल गया था।
बयान में यह भी बताया गया है कि उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। बावजूद इसके बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती गई और देर रात 12.40 बजे उसकी मृत्यु हो गई। कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोटों में यह तीसरी मौत है। रविवार को इस सभा में शामिल दो महिलाओं की जान चली गई थी।

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प्रारंभिक जांच में सामने आई आईईडी के इस्तेमाल की बात
केरल के DGP डॉ. शेख दरवेश साहब ने रविवार को बताया था, “आज सुबह लगभग 9:40 बजे ज़मरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर में विस्फोट हुआ जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 52 लोगों का इलाज चल रहा है। हम पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है और सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह एक IED उपकरण है और हम इसकी जांच कर रहे हैं।”
एर्नाकुलम के कलेक्टर के मुताबिक, घटना में 52 लोग घायल हुए थे। उन्होंने कहा था कि 10 लोगों को गंभीर रूप से जलने के बाद कलामसेरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इनमें से दो लोग 50 फीसदी से ज्यादा जल गए हैं। इसके अलावा आठ लोगों को अस्पताल के जनरल वॉर्ड में भेजा गया है। वहीं, 18 को अलग-अलग अस्पतालों में निरीक्षण में रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक, रविवार को इस तीन दिवसीय प्रार्थना सभा का आखिरी दिन था। अधिकारियों के मुताबिक, जिस वक्त यह धमाके हुए उस दौरान प्रार्थना सभा में करीब दो हजार लोग जुटे थे। जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए, जहां अल्पसंख्यक ईसाई समूह, यहोवा के साक्षी, के अनुयायी तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के अंतिम दिन के लिए एकत्र हुए थे। इस विस्फोट के बाद यहोवा के साक्षियों का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने राज्य के त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था और कहा था कि उसने इन विस्फोटों को अंजाम दिया है।
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