'Bhootaha', where more than 20 thousand lives sleeping in deep sleep were destroyed
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एक शहर जिसे कहा जाता है  ‘भूतहा’, जहां गहरी नींद सो रही 20 हजार से ज्यादा जिंदगियों को मौत की नींद सुला दिया ।

 एक शहर जिसे कहा जाता है  ‘भूतहा’, जहां गहरी नींद सो रही 20 हजार से ज्यादा जिंदगियों को मौत की नींद सुला दिया । दुनियाभर में ऐसी कई जगहें हैं, जो नेचुरल डिजास्टर्स के चलते भयंकर तबाही की शिकार हो चुकी हैं. आपने भी कई नेचुरल डिजास्टर्स के बारे में पढ़ा और सुना तो होगा ही, जिन्हे देखकर  और सुन कर रूह कंपा देती है . ऐसी ही एक जगह है कोलंबिया के टोलिमा में, जहां ज्वालामुखी विस्फोट ने आधी रात में ऐसी तबाही मचाई, जिससे कोई न बच सका. इस ज्वालामुखी विस्फोट ने एक झटके में ही सब कुछ तबाह कर दिया था ।

 एक रिपोर्ट के अनुसार  , कोलंबिया के टोलिमा में यह तबाही 13 नवंबर 1985 को हुई थी. उस समय नेवाडो डेल रुइज ज्वालामुखी था जो  69 सालों तक निष्क्रिय रहने के बाद अचानक एक दिन फट पड़ा , जिसने कई इलाकों को बुरी तरह तबाह कर दिया.  पिघले हुए लावा की बौछारों ने पहाड़ से ग्लेशियर पिघला दिए, जो भूस्खलन का कारण बना, जिससे लावा, पानी और मिट्टी से  मिलकर कीचड़ का रूप धारण कर तेज रफ्तार में पूरे अरमेरो शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया.

'Bhootaha', where more than 20 thousand lives sleeping in deep sleep were destroyed

एक सर्वे के अनुसार बताया जाता  है कि, इस तबाही ने लगभग 29,000 निवासियों में से 20,000 से अधिक लोगों को मौत हुई . कहते हैं लेकिन इस तबाही से मौत का सैलाब उमड़ पड़ा था. ये  साल 1500 के बाद से दुनिया की चौथी सबसे घातक ज्वालामुखी विस्फोट की घटना मानी जाती है. कि, यह एक बेहद  डरावना मंजर था, जब पूरा शहर लाशों और कीचड़ से अटा पड़ा था. कहा जा रहा है कि, उस वक्त 85 प्रतिशत हिस्सा कीचड़ से बुरी तरह सन चुका इस तबाही ने 13 शहर और गांव को पूरे तरह बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है.

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